चटपटा पकवान हर कोई चटकारे लेकर खाना चाहता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि तीखा और चटपटा खाना आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है? तेज मसाले और तेल से भरे खाने के कारण शरीर में कई बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं। आज हम जानेंगे डायटिशियन अनु अग्रवाल से कि मसालेदार खाना खाने से होने वाले नुकसान के बारे में।
पेट की समस्याएं:
कभी-कभी मसालेदार खाना ठीक है, लेकिन रोज़ाना इसे खाने से पेट खराब हो सकता है और लूज मोशन की समस्या पैदा हो सकती है। मिर्च और मसालों में मौजूद कैप्साइसिन पेट की परत को नुकसान पहुंचाता है, जिससे पेट में जलन, मितली, उल्टी और पेट दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
गैस की समस्या:
ज्यादा तेल-मसालेदार खाना खाने से शरीर का पीएच बैलेंस बिगड़ सकता है। इससे एसिडिटी, सीने में जलन, गैस और पेट में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ये खाना पित्त को बढ़ाता है और ज्यादा एसिड का प्रोडक्शन करता है।
अल्सर की संभावना:
कैप्साइसिन पेट में एसिड का प्रोडक्शन बढ़ाता है, जिससे गैस्ट्रिक और पेप्टिक अल्सर की समस्या हो सकती है। मसालेदार खाना आंतों की बीमारियों जैसे कोलाइटिस का कारण भी बन सकता है।
लिवर की समस्या:
तेल और मसालों से भरपूर डाइट लिवर के लिए हानिकारक हो सकती है। ज्यादा तेल मसाले खाने से लिवर में फैट जम सकता है, जिससे फैटी लिवर और लिवर सिरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय तक तीखा खाना खाने से हेपेटाइटिस और पीलिया जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है।
मोटापा:
मोटापा का एक बड़ा कारण ज्यादा तेल-मसालेदार भोजन है। इसमें कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, जिससे वजन बढ़ता है। इसके अलावा, इसमें अनहेल्दी फैट (ट्रांस फैट) की अधिकता होती है, जो शरीर में चिपक कर मोटापे का कारण बनता है। यह मेटाबॉलिज्म को भी धीमा करता है और वजन घटाने की प्रक्रिया को रोकता है।
गुड बैक्टीरिया पर असर:
ज्यादा तेल-मसालेदार खाना पेट के गुड बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे पेट के माइक्रोबायोम में असंतुलन हो सकता है। यह डायबिटीज, मोटापा और अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए पेट के गुड बैक्टीरिया को स्वस्थ रखने के लिए प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक फूड्स का सेवन करना चाहिए।
त्वचा की समस्याएं:
तेल-मसालेदार भोजन से ऑयली स्किन और हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे एक्ने और पिंपल्स की समस्या बढ़ती है। यह पेट में सूजन का कारण बन सकता है और एक्जिमा जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। मसालेदार खाना खाने से एसिड का प्रोडक्शन बढ़ता है, जो त्वचा पर भी असर डाल सकता है।
नींद में खलल:
मसालेदार डिनर लेने से नींद में खलल पड़ सकता है। रात में एसिड रिफ्लक्स और गैस की समस्या हो सकती है, जिससे पूरी रात नींद खराब होती है और दिनभर आलस और थकावट महसूस होती है।
दिल की बीमारियां:
तेल-मसालेदार खाने में ट्रांस फैट होता है, जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान:
प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं को ज्यादा तेल-मसालेदार खाना खाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह गैस की समस्या बढ़ा सकता है और ब्रेस्ट मिल्क के प्रोडक्शन और स्वाद को प्रभावित कर सकता है।
इसलिए, अधिक मसालेदार खाना खाने से बचना चाहिए और हेल्दी विकल्पों को चुनना चाहिए ताकि आपकी सेहत बनी रहे।